हर जिले में बने फास्ट ट्रैक कोर्ट, सख्त बने कानून
गाजियाबाद। उन्नाव, हैदराबाद में महिलाओं के साथ हुए अत्याचारों से हर किसी के मन में अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर भय है। खासतौर पर बेटियों की सुरक्षा को लेकर लोग डर में हैं। भले ही हैदराबाद में बलात्कार के आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया लेकिन क्या यह काफी है, इस पर चर्चा जोरों पर है। क्या इस तरह से बेटियों या महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को रोका जा सकता है, यह बहस का मुद्दा बन रहा है। नारी सुरक्षा को लेकर क्या होना चाहिए, इसके लिए अमर उजाला ने शुक्रवार को संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने संवाद में विचार रखे। खासतौर पर महिलाओं ने इस दौरान सख्त कानून बनाए जाने की पैरवी की।
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हैदराबाद में एनकाउंटर से थोड़ी खुशी मिली लेकिन एक सिस्टम नहीं मिला। दोषियों को सजा के लिए सख्त कानून बने। सात दिन, 15 दिन या महीने भर में दोषियों को सजा दी जाए। - राजकुमार
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इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें भी एकजुट होकर काम करना होगा। जो लोग इस तरह की घटनाओं के लिए महिलाओं के पहनावे को दोष देते हैं तो यह बर्बरता छोटी बच्चियों के साथ फिर क्यों होती है। - शिवानी राणा
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जो अत्याचार नारी पर किया जाता है, दोषियों को वही सजा दी जानी चाहिए। सरेराह दोषियों को सजा दी जाए, जिससे महिला को होने वाले दर्द का अहसास इस तरह की वारदात को अंजाम देने वालों को हो। - अंजू जॉली
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बच्चों को घर से संस्कारवान बनाने पर जोर दें। बच्चों को महिलाओं की इज्जत करना सिखाया जाए और महिलाओं से बलात्कार करने वालों के लिए सख्त कानून बनाया जाए। - गीता गुप्ता
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हैदराबाद में पुलिस की कार्रवाई पर अच्छा लग रहा है लेकिन असली न्याय तब होता जब कोर्ट से दोषियों को सजा दी जाती। बेटियों का सवाल है इस लिहाज से सरकार से सख्त कानून के लिए लगातार मांग की जाए। - उदिता त्यागी
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एजूकेशन बहुत जरूरी है। चाहे बेटा हो या बेटी दोनों के लिए समान एजूकेशन होनी चाहिए। स्कूलों में गुड टच, बैड टच के बारे में ज्यादा जागरूक किया जाए। बेटियां कहीं भी गलत होते देखें तो उसका विरोध करें। - डॉ. रितु गुप्ता
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लोगों को गलत काम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। ऐसी कितनी ही वारदातें होती हैं जो सामने नहीं आती। दोषियाें को सजा मिले, इसके लिए आवाज उठाना जरूरी है। - डॉ. आसिफा
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जो भी हाल में घटनाएं हुईं, उन पर हर तरफ बात हो रही है लेकिन यह घटनाएं पिछले काफी समय से हो रही हैं। कई मामलों में लोग पुलिस तक शिकायत लेकर भी नहीं जाते, इससे वारदाताें को बढ़ावा मिलता है। - डॉ. ईरम
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विदेशों में सख्त कानून हैं और लोगों में इनका भय भी है। हम अपनी केंद्र और प्रदेश सरकार से भी यही उम्मीद करते हैं। इसके अलावा परिवारों की जिम्मेदारी है कि मोबाइल छोड़कर आपस में बातचीत करें और एक-दूसरे की बात सुनें, समझें। - वसीम अली
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जागरूकता बहुत जरूरी है। अभिभावक बच्चों को जागरूक करने का काम करें। सरकार अश्लीलता परोसने वाले सभी माध्यमों पर पाबंदी लगाए। बलात्कार जैसे अपराधों को करने वाले लोग सख्त सजा के हकदार हैं। - मनोज गर्ग
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अभिभावक बच्चों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें। इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए फास्ट ट्रैक का गठन जरूरी है। एनकाउंटर परंपरा न बने तो बेहतर है।